ग्रामीण भारत में कौशल विकास के संबंध में जो कमी है उसे पूरा करने के लिए मांग आधारित, क्षेत्र आधारित और निम्नलिखित दृष्टिकोणों / मॉडलों/ प्रशिक्षण साझेदारों के माध्यम से परिणाम आधारित कार्यक्रमों के द्वारा एक सुचिंतित दृष्टिकोण:
1. एनएसडीसी से संबद्ध प्रशिक्षण संस्थाएं
2. सरकारी एजेंसियां
3. रुडसेटी/ आरसेटी
4. कारपोरेट पार्टनर
5. गैर सरकारी संगठन/ स्वैच्छिक एजेंसियां
6. स्किल ऋण
इन प्रशिक्षण प्रदाताओं को एनएसडीसी द्वारा निर्धारित लागत मानदंडों के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी और 15/7/2015 और 20/5/2016 की गजट अधिसूचना के अनुसार ‘कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय’, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित होगी.
प्रशिक्षण के लिए सहायता एनएसडीसी/ सेक्टर स्किल काउंसिल और संबंधित राज्यों/ जिलों में एनएसडीसी साझेदारों के सहयोग से प्रदान की जाएगी. क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आरंभ में इस प्रकार के प्रस्ताव भेजे जाने हैं.
हैंक डायर, कोन विंडर सह प्रिन विंडर, वार्पर, टू शाफ्ट हैण्डलूम विवर,जॅकार्ड विवर- हैण्डलूम, कार्ड पंचर (स्वचलित यंत्र), टेक्सटाइल डिजाइनर – हैण्डलूम जॅकार्ड, जॅकार्ड हार्नेस बिडर, हथकरघा उद्यमी
सहायक कैटरिंग प्रबंधक, सहायक सुविधा प्रबंधक, बेल बॉय, बेल कैप्टन, बिलिंग एक्जिक्युटिव, बोट जेट्टी प्रमुख, बंगी जंप गार्इड, एफ एण्ड बी सर्विस स्टुअर्ड, एफ एण्ड बी सर्विस प्रशिक्षु, फॉण्ट ऑफिस एक्जिक्युटिव, गेस्ट हाउस रखवाल, हेरिटेज टूरिस्ट गार्इड, यात्रा प्रबंधक, टूर वाहन चालक, ठेले पर खाने-पिने की चीजें बेचने वाला, रूम अटेंडेंट, किचन स्टुअर्ड, लॉन्ड्री मशीन ऑपरेटर, मीट एण्ड ग्रीट ऑफिसर, मीटिंग कॉन्फरेन्स और इवेंट प्लानर.
िृकृषि विस्तार प्रबंधक, कृषि विस्तार सेवा प्रदाता, पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता, बांबू उत्पादक, केला उत्पादक, मधुमक्खी पालक, ब्रायलर फार्म कार्यकर्ता, डेयरी उत्पादक, फूलों की खेती करने वाला, ग्रीन हाउस फीटर, आम उत्पादक, सौर उर्जा पंप का तकनिशियन, ट्रैक्टर ऑपरेटर, भंडारगृह में काम करनेवाला, आपूर्ति शृंखला फील्ड सहायक.
वाहन चालक (वाणिज्यिक वाहन), फोर्कलिफ्ट ऑपरेटर, कुरियर उद्योग में सॉर्टर, वेअरहाउस पिकर.
दुग्ध उत्पादों के संसाधक, पर्यवेक्षक : दुग्ध उत्पाद प्रसंस्करण, गुणवत्ता आश्वासन प्रबंधक, खाद्य अणुजीव वैज्ञानिक, प्रयोगशाला तकनीशियन, स्टोर सहायक, फोर्क लिफ्ट ऑपरेटर, ऑपरेटर – प्राथमिक पैकेजिंग मशीन, ऑपरेटर – सेकंडरी और टर्शरी पैकेजिंग मशीन, खाद्य विनियामक मामला प्रबंधक, शीत भंडारण तकनीशियन.
चमड़ेकीवस्तुएंऔरकपड़े (कटर, स्टिचर, हेल्पर); फूटवेअर (कटर, हेल्पर, ऑपरेटर, प्रॉडक्टविकास, कैड-कैमऑपरेटर, स्टोरप्रबंधक).
स्वनियोजितदरजी, हाथसेकढ़ार्इकरना, कपड़ाकाटनेवाला, निर्यातसहायक, फैशन डिजाइनर, औद्योगिकइंजिनियरएक्जिक्युटिव, मशीनरखरखावसिलार्इमशीनमैकेनिक, कपड़ाकटर, कटिंगपर्यवेक्षक, प्रसंस्करणपर्यवेक्षक (डाइंगऔरप्रिंटिंग).
ऑटोमोटिवबॉडीटेक्निशियन, कास्टिंगटेक्निशियन, वाणिज्यिकवाहनकाचालक, वाहनचालकसहायक, इंजिनतकनिशियन, पेंटर, स्पेअरपार्टऑपरेशनएक्जिक्युटिव, वेल्डिंगतकनिशियन, टैक्सीड्राइवर, शोरूमहोस्टेस.
नाबार्ड ने 5659 ग्रामीण युवकों को पारफ़ी (पीएएनआर्इआर्इटी एल्युम्नि रिच फॉर इंडिया) के माध्यम से 100% प्लेसमेंट के साथ प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऋण आधारित परियोजना प्रायोगिक आधार पर आरंभ की थी.
यदि सक्षम एजेंसियों के माध्यम से इसी प्रकार के मॉडलों को कार्यान्वित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी. इस प्रकार के मामलों में नाबार्ड अपनी सहायक कंपनियों में से एक को अनुदान सहायता प्रदान करेगा जो उसके बदले प्रशिक्षणार्थियों को ऋण प्रदान करेगा. इस ऋण की वसूली उन्हें रोजगार प्राप्त होने के बाद की जाएगी.
धारा 25 के तहत “पॅनआर्इआर्इटी एल्युम्नि रिच फॉर इंडिया” (पीएआरएफआर्इ) लाभ न कमाने वाले सामाजिक उद्यम को 20 गुरुकुलों की स्थापना के लिए रु.4.76 करोड़ की ऋण आधारित परियोजना मंजूर की गर्इ थी. इस परियोजना का उद्देश्य 9 राज्यों में राजगीरी, सरिया मोडने का कार्य करने वाले, फोर्क लिफ्टिंग, प्लंबिंग, एअर कंडिशनिंग, बिजली की वाइरिंग, हेवी वेहिकल ड्राइविंग, कैटरिंग करने जैसी निर्माण क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों से जुड़े बहुत ही गरीब ग्रामीण परिवारों से आने वाले स्कूल छोड चुके बच्चों के लिए कौशल निर्माण और निश्चित रोजगार दिलाना है.
परियोजना के लिए संगठनात्मक लागत के रूप में रु.60.00 लाख की अनुदान सहायता, 20 गुरुकुलों की स्थापना के लिए स्टार्ट-अप व्ययों के रूप में रु.60.00 लाख और परिक्रामी निधि सहायता के रूप में रु.356.00 लाख की राशि प्रदान की गर्इ. अब तक रु.193.00 लाख की परिक्रामी निधि सहायता जारी की जा चुकी है.
प्रायोगिक परियोजना के एक हिस्से के रूप में एजेंसी ने पहले ही 20 गुरुकुल इकाइयों की स्थापना की है जिसमें से 7 झारखंड में, 5 तमिलनाडु में, राजस्थान और बिहार में दो-दो और छत्तीसगढ़, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में एक-एक है. ये इकाइयां स्कूल छोड़ चुके बच्चों, नक्षलवाद से प्रभावित क्षेत्रों से गरीबी युवकों के लिए बनार्इ गर्इ हैं.
प्रायोस्गि पररयोजना िे स्हकसेिे रूप में237 बैर्ों में5659 प्रस्िक्षणास्िायों िो प्रस्िक्षण प्रदानस्िया गया. इन सभी प्रस्िक्षणास्िायों िी प्लेसमेंट दर भी 100% रही (कव-रोजगार स्विेर्िर राइस्वंग, िैटररंग).
पैनआर्इआर्इटी मॉडल की सफलता के आधार पर वर्ष 2015-16 के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि नैबफिन्स (नाबार्ड की सहायक संस्था) को पीएआरएफआर्इ द्वारा स्थापित गुरुकुलों के माध्यम से कौशल ऋण प्रदान करने के लिए रु.5 करोड़ की अनुदान सहायता मंजूर कर इस परियोजना को मूर्त रूप दिया जाए. पॅनआर्इआर्इटी को अपने प्रबंधन व्ययों को पूरा करने और नए गुरुकुल केंद्रों की स्थापना के लिए रु.20 लाख की अनुदान सहायता मंजूर की गर्इ.
क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर गठित परियोजना मंजूरी समिति द्वारा और वर्तमान शक्तियों के प्रत्यायोजन के भीतर क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की जाती है. रुडसेटी/ आरसेटी द्वारा दावों के लिए निधियां जारी करने के मामले में राशि, कार्यक्रम की समाप्ति के बाद तिमाही आधार पर जारी की जाएगी. अन्य एजेंसियों के मामले में मंजूरी पत्र में निहित निबंधनों और शर्तों के आधार पर राशि जारी की जाए.
संबंधित एजेंसियों/ संस्था से उचित दस्तावेज प्राप्त होने के बाद ही राशि जारी की जाएगी.